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Showing posts from May, 2017

Anjan Dushman Se Hifazat Ka Wazifa Or Amal Me Lane Ka Tarika

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एक ज़माना था तब दुश्मनी आमने सामने हुआ करती थी | आज के ज़माने में दुश्मनी का तरीका बदल गया है | हमला पीछे से और चुपके से होता है |  आपके दुश्मन को आपकी सभी कमजोरियों का पता होता है जिस से वो आपकी दुखती नव्ज को दबाना जानता है   | ऐसे में ये कहना मुश्किल हो जाता है की ऐसा क्यों हो रहा है और कौन कर रहा है | इन सब के लिए लोग आज कल टोटके और कई तरीको का इस्तेमाल कर रहे है | इन तरीको से हमे पता भी नहीं चल पाता की दुश्मन कौन है और वो ऐसा क्यों कर रहा है | ऐसा करने का मतलब सिर्फ इतना है की आपका दुश्मन या तो आपकी बरकत में कमी करना चाहता है या आपको नाजायज़ तकलीफ देना चाहता है | जो बंदा नमाज़ की पाबन्दी रखता है उसे कभी ऐसी तकलीफ नहीं आती | फिर भी अगर आपका ऐसा कोई दुश्मन है जिसके कारण आप तकलीफ में है और आप नहीं जानते की वो कौन है तो हमारे पाक दिल मौलवी सूफी सुल्तान जी से मिले | जिन्हें इस तरह के मर्ज़ का इलाज करना सही से आता है | इस्लाम-ए-पाक की कुरान-ए-शरीफ के वजीफा, अमल और दुआ में वो करामाती शिफ़ा है जिससे आपके हर मर्ज़ का इलाज होगा | मौलवी साहब का नायाब तजुर्बा आपको जल्द ही इन मुश्किलातों से निजात

Apne Pyar Se Nikah Karne Ki Dua And Wazifa

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बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम प्यार अल्लाहताला का दिया नायाब तोहफा है | आप किसी से सच्चे दिल से मोहब्बत करते है परन्तु आपके प्यार के रास्ते में कई मुश्किलात आ जाती है | आपका प्यार एक तरफ़ा है या आप और आपके महबूब में बहुत प्यार है परन्तु आपके परिवार की रजामंदी नहीं है | आपके सच्चे प्यार में समाज की पाबन्दी है इस तरह की कई मुश्किलात है जो आपकी मोहब्बत में मुश्किलात करती है | आपकी उन सभी मुश्किलातों का हल कुरान-ए-पाक में दिया गया है | मौलवी सूफी सुल्तान ने इस्लाम-ए-पाक के कुरान-ए-शरीफ के वजीफा, अमल और दुआ को अपने जहन में उतारा और इन्ही वजीफा, अमल और दुआ से कई प्यार करने वालो को मिलवाया है उनका निकाह करवाया है | अल्लाह की राह पे चलते हुए मौलवी जी ने कई लोगो के मर्ज़ का इलाज किया है | आप भी अपने सच्चे प्यार को पा कर उनसे निकाह कर सकते है बिना किसी रुकावट के और जल्द ही |   अपने सच्चे प्यार को पा कर उनसे निकाह करने का वजीफा वाला-क़द फतान्ना सुलाय्य्मान व-अल-कायना अल कुर-सिय्यिही जसदन सुम्मा अनाबा हामिद बिन सलमा शेह्नाज़ बिन-ते-घज़लाह   वजीफा को अमल में लाने का तरीका 1

Mushkilaaton Se Bachne Ya Dushman Ko Shikast Dene Ka Islamic Wazifa

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जिंदगी से परेशान कई लोग ऐसे है जो कई मुश्किलातों की गिरफ्त में आ जाते है जिन्हें रास्ता मुकमल नहीं हो पाता| खुदा अपने उन सभी बन्दों की मदद करता है जो अल्ल्लाह की खिदमत में रहते है और उसके सजदे में अपना सर झुकाते है | वो परवरदिगार रहमो करीम है उसके दर से कोई खाली नहीं जाता | अल्लाह अपने बन्दों के लिए फ़रिश्ता बेझता है जो उसके बन्दों की मदद करता है | हर मुश्किलातों का हल कुरान-ए-पाक में दिया हुआ है इसकी आयातों में वो कारगार शिफ़ा है जो हर मर्ज़ का इलाज है | मुश्किलातों से बचने का मुकमल रास्ता 1.    सबसे पहले 5 वक़्त नमाज पाबन्दी हो क्योंकि कोई भी वजीफा या अमलियत इस से बड़ा नहीं हो सकता | 2.    जिस आयतें कुरानी या वजीफा का विर्द दिया है उसे सही तलाफुज्ज़ के साथ पड़े | वुजू के साथ पड़े तो बेहतर होगा | 3. जिस अमल या वजीफा को जितने मर्तबा दिया गया है उतनी मर्तबा पड़े ना कम ना ज्यादा | अगर वक़्त मुक़र्रर है तो उसी वक़्त पड़े | 4.अमलियत और वजीफे का इस्तमाल जायज काम के लिए करे वरना नुकसान भी हो सकता है | अपने दुश्मन से बचने का या उसे शिकस्त देने का मुकमल वजीफा " लाइलाहा